दृष्टिगत बाधित बालक की परिभाषा, पहचान, कारण एवं शैक्षिक प्रावधान का वर्णन करें definition of Visually Handicap Children in Hindi

दृष्टिगत बाधित बालक(drshti badhit balak) की परिभाषा (definition of Visually Handicap Children in Hindi), पहचान, कारण एवं शैक्षिक प्रावधान का वर्णन करें ।

दृष्टि बाधित बालक का परिभाषा (definition of Visually Handicap Children in Hindi) :-

दृष्टि बाधित बालक वे बालक होते हैं जो ठीक प्रकार से देख पाने में असमर्थ होते हैं कुछ दृष्टि बाधित बालक मोटे छाप के पुस्तक को पढ़ पाने में समर्थ होते हैं तथा वे सामान्य वातावरण में शिक्षा ग्रहण कर सकते हैं लेकिन गंभीर रूप से दृष्टि बाधित बालक जो वस्तुओं को देखने में असमर्थ होते हैं वह दृश्य विधियों के द्वारा शिक्षित नहीं किए जा सकते हैं उनको देखने की क्षमता स्नैलन चार्ट की सहायता से मापी जाती है इस चार्ट का विकास फ्रांस के “डॉक्टर हबर्ट स्नैलन” ने किया इस चार्ट का आरंभ “E”अक्षरों से होता है। इससे सामान्य दृष्टि वाले 200 फीट की दूरी को देख सकता है । कोई बालक 20 फीट की दूरी पर रखे वस्तुओं को देखने योग्य होता है । दृष्टिबाधित बालक वे बालक होते हैं जो मौखिक अथवा ब्रेन नीति से शिक्षा पाने में समर्थ होते हैं ऐसे बालकों को देखने की क्षमता 2 /20 फीट तक हो सकती है ऐसे बालक सामान्य विद्यालय में शिक्षा पा सकते हैं ऐसे बालक को प्रशिक्षण मौखिक अनुदेशन द्वारा दिया जाता है ।आंशिक दृष्टिकोण से दृष्टि बाधित बालक 20/ 70 फीट की दूरी को देख सकते हैं ।उत्तल लेंस की सहायता से यह देख पाने में समर्थ होते हैं ।

दृष्टि बाधित बालकों की पहचान (identification of Visually Handicap Children in Hindi):-

1.दृष्टि बाधित बालक सिर दर्द का शिकार होता है और दर्द के बाद आंखें बंद कर लेता है ।

2.बार-बार पलकें झपकाता है ।

3.पुस्तक तथा अन्य वस्तुओं को अपने आंखों के पास ले जाता है ।

4.अक्सर आंखों को मलता है ।

5.आंखों का पलक छोटा होना ।

6.आंखें लाल होना ।

7.आंखों के प्रति अधिक संवेदनशील होना

8.जब दूर की वस्तु को देखता है तो तनाव होता है ।

9.आंखों से पानी जाना ।

दृष्टि बाधित बालक के कारण (Causes of Visually Handicap Children in Hindi) :-

दृष्टि बाधित बालक का मुख्य कारण वातावरण या वंशानुक्रम हो सकते हैं
आंशिक रूप से दृष्टि बाधित बालक तीन प्रकार के होते हैं
1.जन्म के पूर्व अथवा गर्भ के समय से ही ह मां के द्वारा प्रबल औषधियों का सेवन से, असंतुलित आहार के कारण, मानसिक रोग के कारण, आवासीय स्थान ठीक न होने के कारण।

  1. बालक का जन्म ऑपरेशन द्वारा किया जाना, बेहोशी के दवाओं के द्वारा किया जाना, समय से पूर्व हो जाने के कारण इत्यादि के प्रभाव से दृष्टि बाधित बालक हो सकते हैं।
  2. जन्म के बाद चेचक रोग के कारण , संक्रामक बीमारी के कारण , आंखों में चोट लगना , गलत दवाई डालने से दृष्टिबाधित के शिकार हो जाते हैं ।

दृष्टि बाधित बच्चों की विशेषताएँ (Characteristics of Visually Handicap Children in Hindi)

1. दृष्टि बाधित बच्चों को उनके साथियों द्वारा उचित प्रकार से स्वीकार नहीं किया जाता।

2. दृष्टि बाधित बालकों का सीखने का ढंग सामान्य बालकों से अलग होता है, क्योंकि सामान्य बालक देखकर व अनुकरण करके सीखते हैं, जबकि इनकी समस्त जानकारी तथा ज्ञान श्रवण इन्द्रियों पर आधारित होता है।

3. इनमें सम्प्रेषण सक्षमता होती है। ये भाषा के माध्यम से ही अपनी बात माता-पिता तथा साथियों से कह सकते हैं। ये भाषा सीखने के लिए अधिक उत्साहित रहते हैं।

4. ये अमूर्त प्रत्ययों को समझने में कठिनाई महसूस करते हैं, क्योंकि अमूर्त प्रत्ययों को केवल देखकर ही समझा जा सकता है, जैसे- दूरी आदि। दूरी की अहसास हमें देखने पर ही हो सकता है।

दृष्टि बाधित बालकों का शैक्षिक प्रावधान:-

दृष्टि बाधित बालकों को शिक्षा देने का सबसे अच्छा उपाय विशेष शिक्षा का आयोजन करना है एक विद्यालय में ऐसे बालकों की संख्या 1 से 500 तक होती है इस बात का निर्णय कर सकता है कि उसके लिए विशेष कक्षा का आयोजन किया जाए तथा कौन-कौन सी सुविधाएं प्रदान की जाए एवं इस कक्षा से स्कूल समुदाय तथा समाज का कार्य हो सकता है।

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