पर्यावरण प्रदूषण पर निबंध (Essay on Pollution in hindi)
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पर्यावरण प्रदूषण पर निबंध (Essay on Pollution in hindi)
प्रस्तावना – विज्ञान के इस युग में मानव को जहाँ कुक्ष वरदान मिले है, वहाँ कुक्ष अभिशाप भी मिले है। प्रदुषण एक ऐसा अभिशाप है जो विज्ञान की कोख में से जन्मा है और जिसे सहने के लिए अधिकांश जनता मजबूर है | प्रदूषण एक गंभीर समस्या बन चुका यह सिर्फ हमारे देश की नहीं बल्कि एक अंतरराष्ट्रीय समस्या है| जिसकी चपेट में पृथ्वी पर रहने वाले सभी जीव जतु और अन्य निर्जीव पदार्थ भी आ गए है। इसका दुष्प्रभाव चारों ओर दिखाई दे रहा है।
प्रदूषण का अर्थ (pollution meaning in hindi) –
प्रदूषण का शाब्दिक अर्थ है कि प्रकृति सतुलन खराब होना, जीवन के लिए जरूरी चीजों का दूषित हो जाना जैसे स्वच्छ जल नहीं मिलना, स्वच्छ वायु नहीं मिलना और प्रदूषित माहौल का पैदा होना ।
एथम हैरी के अनुसार – “पर्यावरणीय प्रदूषण जो मानवीय समस्याओं को प्रगति के ताने-बाने तक पहुँचाता है, स्वयमेव सामान्य सामाजिक संकट का प्रमुख अंग है। यदि सभ्यता को लौटाकर बर्बर सभ्यता तक नहीं लाना है तो उस पर विजय प्राप्त करना आवश्यक है।”
लार्ड केनेट के अनुसार – “जो मनुष्य द्वारा बिना चाहे उत्पादित किये गये हों जिनके उत्पादन का उद्देश्य अब समाप्त हो गया हो या जिनका मनुष्य के स्वास्थ्य पर हानिकारक प्रभाव पड़ता हो।पर्यावरण में उन तत्वों उपस्थिति को प्रदूषण कहते हैं,|”
ओडम के अनुसार – ” वातावरण के अथवा जीवमंडल के भौतिक, रासायनिक व जैविक गुणों के ऊपर जो हानिकारक प्रभाव पड़ता है, प्रदूषण कहलाता है।”
National Environmental Research Institutes (NERC) के अनुसार – “मनुष्यों के क्रिया-कलापों से उत्पन्न अपशिष्ट उत्पादों के रूप में पदार्थों एवं ऊर्जा के विमोचन से प्राकृतिक पर्यावरण में होने वाले हानिकारक परिवर्तनों को प्रदूषण कहते हैं।
प्रदूषण के प्रकार (Types of pollution in hindi) –
प्रदूषण मुख्य रूप से 5 प्रकार के होते हैं |
- वायु प्रदूषण
- जल प्रदूषण
- मृदा प्रदूषण
- ध्वनि प्रदूषण
- प्रकाश प्रदूषण
- आधुनिक युग में आर्थिक प्रगति के नाम पर अनेक प्रकार के छोटे-बड़े कल-कारखानों और उद्योगों का विकास मानव ने अपनी भौतिक सुख सुविधा को प्राप्त करने के लिए कर लिया है। जनसंख्या वृद्धि के कारण ग्राम नगर और महानगरों का आकार बढ़ता जा रहा है।वन क्षेत्रों को काटकर आवास की समस्या का समाधान किया जा रहा है। उत्पादन और सुरक्षा के लिए ऐसे यंत्रों का निर्माण किया जा रहा है जो रात दिन ध्वनि और धुआं उगलते रहते है। नदियों पर बांध बनाया जा रहा है इससे प्रदूषण को बढ़ावा मिल रहा है।
वायु प्रदूषण (air pollution essay in hindi)-
वायु प्रदूषण को सबसे खतरनाक प्रदूषण माना जाता है | इस प्रदूषण का मुख्य कारण उद्योगों और वाहनों से निकलने वाला धुआ वाला है। इन स्त्रोतों से निकलने हानिकारक धुंआ लोगो के लिए सांस लेने में भी बाधा उत्पन्न कर देता है। दिन प्रतिदिन बढ़ते उद्योगों और वाहनो ने वायु प्रदूषण में काफी वृद्धि कर दी है। हवा में अवांछित गैसों की उपस्थिति से मनुष्य, पशुओं तथा पक्षियों को गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इससे दमा, सर्दी-खाँसी, अँधापन, श्रव का कमजोर होना, त्वचा रोग जैसी बीमारियाँ पैदा होती हैं। लंबे (लम्बे) समय के बाद इससे जननिक विकृतियाँ उत्पन्न हो जाती हैं और अपनी चरमसीमा पर यह घातक भी हो सकती है।
जल प्रदूषण (water pollution essay in hindi)
जल प्रदूषण भी सीधे समुद्री जीवन को प्रभावित करने वाला एक बड़ा मुद्दा है क्योंकि वे केवल अपने जीवित रहने के लिए पानी में पाए जाने वाले पोषक तत्वों पर निर्भर रहते हैं। समुद्री जीवन का धीरे-धीरे गायब होना वास्तव में इंसानों और जानवरों की आजीविका को प्रभावित करेगा। कारखानों, उद्योगों, सीवेज, सिस्टम, आदि से निकलने वाले हानिकारक कचरे का सीधे पानी के मुख्य स्त्रोतों जैसे नदियों, झीलों और महासागरो मे डाला जाता है जिससे पानी दूषित हो जाता है । इससे पीने के पानी की कमी बढ़ती है, क्योंकि नदियों, नहरों यहाँ तक कि जमीन के भीतर का पानी भी प्रदूषित हो जाता है| इससे मनुष्य, पशु तथा पक्षियों के स्वास्थ्य को खतरा उत्पन्न होता है। इससे टाईफाइड, पीलिया, हैजा, गैस्ट्रिक आदि बीमारियां पैदा होती हैं।
मिट्टी प्रदूषण (land pollution essay in hindi)
मिट्टी प्रदूषण उर्वरकों, फफूंदनाशकों, कीटनाशको और अन्य रासायनिक यौगिकों के अत्यधिक उपयोग कारण होता है। घरों, होटलों और औद्योगिक इकाईयों द्वारा निकलने वाले अवशिष्ट पदार्थों का निपटान, जिसमें प्लास्टिक, कपड़े, लकड़ी, धातु, काँच, सेरामिक, सीमेंट आदि सम्मिलित हैं यह मिट्टी पर पैदा होने वाली को भी दूषित करता इनका सेवन किया जाता है तो इससे स्वास्थ को खतरे हो सकते| भूमि प्रदूषण से धीरे धीरे कृषि योग्य भूमि की कमी हो रही है
ध्वनि प्रदूषण(sound pollution essay in hindi)
ध्वनि प्रदूषण का स्त्रोत भारी मशीनरी, वाहन, रेडियो, टीवी, स्पीकर आदि से उत्पन्न ध्वनि है | जिससे श्रवण शक्ति का कमजोर होना, सिरदर्द, चिड़चिड़ापन, उच्चरक्तचाप, मनोवैज्ञानिक दोष उत्पन्न होने लगते हैं। लंबे समय तक ध्वनि प्रदूषण के प्रभाव से बहरापन का भी सामना करना पड़ सकता है।
प्रकाश प्रदूषण (light pollution essay in hindi)
प्रकाश प्रदूषण का कारण गाड़ियों हाई वोल्ट के बल्ब का उपयोग करना | किसी कार्यक्रम में बहुत ही ज्यादा लाइटिंग डेकोरेशन करना । इन सभी की वजह से ही आंखों के आगे अंधेरा छा जाता है और हाईवे पर गाड़ी एक्सीडेंट करती हैं सिर में भी दर्द होता है।
प्रदूषण की रोकथाम के उपाय
वायु प्रदूषण को रोकने के हमें अधिक मात्रा लिए मे पेड़ लगाने चाहिए | साथ ही जहां पर पेड़ों की अधाधुंध कटाई हो रही है वहां पर रोक लगानी चाहिए
जल प्रदूषण को कम करने के लिए साफ सफाई की ओर अधिक ध्यान देना होगा | जल प्रदूषण के लिए जो भी फैक्ट्रियों और कारखाने जिम्मेदार है उनको बंद कर देना चाहिए।
ध्वनि प्रदूषण अधिकतर मानव द्वाराही किया जाता है इसलिए अगर उम स्वयं हॉर्न बजाना बर्द और मशीनो की नियमित रूप से अगर देखभाल करें तो उनसे आवान नहीं आएगी और ध्वनि प्रदूषण मे कमी आएगी । कृषि के लिए रसायनिक खाद के स्थान पर जैविक खाद, गोबर खाद आदि इस्तेमाल करना चाहिए ।
निष्कर्ष- प्रदूषण एक बड़ी पर्यावरणीय समस्या बनती जा रही है। जो ईश्वर रूपी प्रकृति व मानवीय जीवन को विनाश की खाई मे ढ़केल रही हैं यदि इसके निवारण व नियंत्रण को नजरअंदान किया तो यह मानव जीवन व अन्य प्राणियों के लिए एक बड़ा खतरा बनकर उभरेगी।
जिससे हमारी आने वाली पीढ़ी शुद्ध भोजन, हवा, पानी आदि अनेक चीनों के लिए तरसेगी इसलिए हमें पर्यावरण संरक्षण की कदम बढ़ाने होगे कथा हमें जन-जन में प्रदूषण नियंत्रण संबंधित जानकारी के प्रति जागरूकता फैलानी होगी।