B.Ed 1st year C-2 के कुछ वस्तुनिष्ठ प्रश्न उत्तर Part-3
- “भारत में सामान्य भावना यह है कि उच्च शिक्षा की स्थिति और असंतोषजनक एवं वह भयप्रद भी है :- कोठारी कमीशन
- “ विश्वविद्यालय की
उपाधियाँ, सरकारी नौकरियों के लिए पासपोर्ट थी | शिक्षा- विद्यार्थियों को नौकरी के
लिए, न की जीवन के लिए तैयार करने के सीमित
उद्देश्य से प्रदान की जाती थी |” :- गुन्नार
मिर्डल - “ बहुत बार कहा गया
है कि विश्वविद्यालय में जो शिक्षा दी जाती है, वह व्यक्तियों को व्यवहारिक जीवन के
लिए तैयार नहीं करती है |” ;- हुमायूं कबीर - “ विश्वविद्यालय, गांव
के योग्य और होनहार युवकों को शहरों में खींच लाते हैं, लेकिन इस प्रकार गांव की जो
हानि हो जाती है, उससे शहरों को लाभ हो जाता
है यही बात नहीं है | गांव के छोटे से समाज में
नेता बनने के बजाय- जो कि वह बड़ी आसानी से बन सकते थे- वे शहर की अज्ञात जनसंख्या के तलाश और कटु भावना
से भरे सदस्य मात्र बन जाते हैं :- हुमायूं कबीर - “ देश का वैभव, विश्वविद्यालय से संबंध होता है| दूषित विश्वविद्यालय
संपूर्ण राष्ट्र को दूषित कर देता है|” :-
डॉ आर. के. सिंह - “ यदि विश्वविद्यालय
अपने कर्तव्य का समुचित रूप से पालन करें, तो एवं जनता का कल्याण हो सकता है|”
:- जवाहरलाल नेहरू - “ जो पाठ्यक्रम वैदिक
काल में उपयोगी था, उसे 20वी शताब्दी में बिना परिवर्तन के लिए प्रयोग नहीं किया जा
सकता है|” :- राधाकृष्णन कमिशन - “ यदि हम चाहते हैं
कि भारत पृथक दीपों में विभाजित ना हो तो,
अंग्रेजी के स्थान पर 14 क्षेत्रिय भाषाओं को स्थापित करना राष्ट्र के लिए बहुत खराब
सौदा होगा|” :- चक्रवर्ती राजगोपालाचार्य - भाषा आयोग की नियुक्ति कब की गई :- 1956
- “ हमने भले ही अंग्रेज को अपने देश से निकाल दिया है पर
उनकी भाषा को नहीं निकाला है और अंग्रेजी पर केवल अंग्रेजों का ही एकमात्र अधिकार नहीं
है|” :- डॉ राधाकृष्णन - “ हमारे ज्ञान या प्रशिक्षण
का स्तर वैसे तो कभी ऊंचा नहीं था, पर अब तो यह तीव्र गति से नीचे की
ओर जा रहा है|” :- आयंकर - “ शिक्षा का स्तर एक
बार गिर जाने पर ऊंचा नहीं उठता है, क्योंकि उस पर ग्रेशम का नियम लागू हो जाता है|”
:- डॉक्टर आर.के. मुकर्जी - “ व्याख्यान किसी समय
लाभप्रद थे, पर अब जबकि सब
व्यक्ति पढ़ सकते हैं और पुस्तके इतनी विशाल संख्या में है, व्याख्यान अनावश्यक
हो गए हैं|” :- सैमुअल जॉनसन - वास्कोडिगामा भारत कब आए थे :- 27 मई 1498
- वास्कोडिगामा ने अपने जहाज का लंगर कहां पर खड़ा
किया था :- भारत के पूर्वी तट कालीकट बंदरगाह
पर - “ व्यापार के बाद इस
देश में उनका झंडा लहराया और उसके साथ उनकी शिक्षा का आरंभ हुई :- टी. एन. सिक्वेरा - “ शिक्षा संस्थाओ ने मिशनरियों को भारतीयों से संपर्क स्थापित करने
और उन्हें अपने धार्मिक सिद्धांतों से अवगत कराने का अवसर प्रदान किया |” :- डॉक्टर डी ओ
ऐलेन - “ मिशनरियों को भारत
में आधुनिक शिक्षा पद्धति के प्रवर्तक होने का सम्मान प्राप्त है|” :- नुरुल्ला
और नायक - ‘ हिंदुओं और मुसलमानों
के नाम निवेदन ‘ नामक पुस्तिका कब प्रकाशित की गई :- 1808 - “ मिशनरियों और उनके
मित्रों ने धर्म प्रचार कार्य में स्वतंत्रता प्राप्त करने के उद्देश्य से इंग्लैंड
में आंदोलन प्रारंभ किया| आंदोलन करने वालों में मुख्य स्थान चाल्स
ग्रांड का था|” :- नुरुल्ला व नायक - “ हिंदू इसलिए गलती
करते हैं क्योंकि उनमें अज्ञानता है और उनको उनकी गलतियां उचित प्रकार से कभी बताई
नहीं गई है|” :- चाल्स ग्रांट - “ इस योजना की सफलता
के लिए केवल सरकार के हार्दिक संरक्षण की आवश्यकता है यदि सरकार इसकी सफलता चाहती है
तो यह अवश्य सफल हो सकती है|” :- चार्ल्स ग्रांट - “ ग्रांट को कभी-कभी भारत में आधुनिक शिक्षा का जन्मदाता
कहा जाता है|” :- नूरूल्ला और नायक - “ मिशनरियों ने अति
विशाल जनसंख्या में भारत आना और अंग्रेजी स्कूलों की स्थापना करना आरंभ किया
| इस प्रकार उन्होंने आधुनिक शिक्षा पद्धति
शिलान्यास किया |” :- नुरूल्ला और नायक - “ यह मुख्यता मिशनरियों
के प्रयत्नों का ही परिणाम था की 19वीं शताब्दी के प्रारंभिक वर्षों में इस देश में
शिक्षा की एक नवीन पद्धति का आविर्भाव देखा |” :-
ए. एन. बसु - कलकता मदरसा की स्थापना कब हुई ;- 1781
- ‘ कोलकाता मदरसा
‘ शिक्षा की अवधि कितने वर्ष की थी
:- 7 वर्ष - कोलकाता मदरसा में शिक्षा का माध्यम कौन सी भाषा
थी :- अरबी भाषा - “ कोलकाता के मुसलमानों
की सद्भावना प्राप्त करने के लिए वारेन हेस्टिंग्ज
द्वारा ‘कोलकाता मदरसा’ स्थापित किया गया|” :-
ए हावेल (A. Howell) - ‘ फोर्ट विलियम कॉलेज’
की स्थापना कब किसने और कहां पर की :-
1800 , लॉर्ड वेलेजली, कोलकाता - आधुनिक उर्दू का जन्मदाता किसे कहा जाता है
:- डॉक्टर गिल क्राइस्ट - पूना संस्कृत कॉलेज की स्थापना कब की गई :- 1821
- “ 1813 की आज्ञा पत्र
ने भारतीय शिक्षा के इतिहास को एक नई दिशा में मोड़ा |” :- नुरूल्ला और नायक - “ शिक्षा ऊपर से प्रवेश
करके, जनसाधारण तक पहुंचन थी | लाभप्रद ज्ञान, भारत के सर्वोच्च वर्गों से बूंद बूंद
करके नीचे टपकना था |” :- आर्थर मेय्हू
(Arthur Mayhew) - यंग बंगाल आंदोलन के संस्थापक कौन थे :- हेनरी विलियम डिरोजिओ
- यंग बंगाल आंदोलन की स्थापना भारत में कब हुई थी
:- 1875 - यंग बंगाल आंदोलन का मुख्य उद्देश्य क्या था
:- प्रेस की स्वतंत्रता की मांग करना - आर्य समाज की स्थापना दयाराम सरस्वती ने मुंबई में 1875 में किसकी प्रेरणा फल स्वरुप की
थी :- स्वामी विरजानंद - आर्य समाज का मूल ग्रंथ क्या है :- सत्यार्थ प्रकाश
- सत्यार्थ प्रकाश की रचना किसने की है :- दयानंद सरस्वती
- दयानंद सरस्वती का बचपन का नाम क्या था :- मूल शंकर
- सर्वप्रथम स्वराज नारा किसने और कब दिया :- दयानंद
सरस्वती, 1876 - अलीगढ़ में अलीगढ़ आंदोलन किसके नेतृत्व में चलाया गया था :- सर सैयद अहमद
खाँ - सत्यशोधक समाज नामक संगठन की स्थापना किसने की
:- महात्मा ज्योतिबा फुले - ‘ किसान का कोड़ा ‘
नामक पुस्तक किसने लिखी :- महात्मा ज्योतिबा फुले - सत्यशोधक समाज के स्थापना कब की गई थी :- 1873
- ज्योतिबा फुले को महात्मा की उपाधि दी गई
:- 1888 में मुंबई की एक विशाल सभा में - ‘ गुलामगिरी’ और ‘सेनकारयन्वा
असुधा ‘ किसकी पुस्तक हैं :- ज्योतिबा फुले - सर्वप्रथम किसने अछूतों के लिए स्कूल खुलवाया
:- 1954 में ज्योतिबा फुले - “ बुनियादी शिक्षा हमारे राष्ट्रपिता का अंतिम और
संभवतः महानतम उपहार है |” :- T. S. Avinashlingam - बेसिक शिक्षा के अन्य नाम है :- नई तालिम और वर्धा शिक्षा योजना
- अंग्रेजी के ’Basic’ शब्द का हिंदी अर्थ है – ‘ आधारभूत ‘ और उर्दू अर्थ
है – ‘ बुनियादी ‘ - “ बुनियादी शिक्षा
बच्चों को, चाहे वह नगरों के हो या ग्रामों के, भारत की समस्त सर्वोत्तम और स्थायी
बातों से संबंधित करती है|” :- महात्मा गांधी - ” प्रत्येक बालक और बालिका को विद्यालय छोड़ने के पश्चात किसी व्यवसाय में लगकर वह स्वावलंबी बनना चाहिए |” – गांधीजी
- ” यदि किसी स्थिति में पहुंच कर एक पीढ़ अपने पूर्वजों के प्रयासों से पूर्णतया अनभिज्ञ हो जाती है या उसे अपनी संस्कृति पर लज्जा आने लगती है तो वह नष्ट हो जाती है |” – महात्मा गांधी
- ” शिक्षा से मेरा अभिप्राय है- बालक और मनुष्य की संपूर्ण शारीरिक ,मानसिक और अध्यात्मिक शक्तियों का सर्वतोमुखी विकास |” – महात्मा गांधी
- ” बुनियादी विद्यालय एक वास्तविक सामाजिक इकाई बन जाता है और बच्चों को साथ-साथ रहने की कला कावास्तविक प्रशिक्षण मिलता है|” – रायबर्न
- ” बालक के शरीर के अंगो का विवेकपूर्ण प्रयोग- उसके मस्तिष्क को विकसित करने की सर्वोत्तम और शीघ्रतम विधि है |” – गांधीजी
- ” बालक हस्तशिल्प के क्षेत्र में सक्रिय रहकर मानसिक अनुभवों के साथ-साथ अन्य प्रकार के अनुभव की प्राप्ति करता है|” – रायबर्न
- ” बालक, हस्तशिल्प की शिक्षा प्राप्त करके अपने को घर, स्कूल और समाज में प्रायः समान वातावरण में पाता है |” – रायबर्न